Thursday, September 11, 2014

मधेशके अधिकारी हि हमनीके अभियान ः मल्लिक

 ललित मल्लिक सानु
मधेशके राजनितिमे मधेशीके  अधिकारकेलेल हरदम अपने जीवन समर्पीत कर चुकल एगो सचा मधेशी सपुत्र जे मधेशीके हरेक आन्दोलन, मधेशी जनताके हर मुद्दा पर डटके लडेवाला राजनितिकके पोखता मधेशके हरेक तरहके सोचवाला, युवा नेतृके सक्षम युवा जोसीला युवा विधार्थी जिवनसे ही राजनितिक करइत आएल एगो नाम हए, जे रौतहट जिल्लाके गाविस राजपुर तुलीसमे जनमले मधेश और मधेशीके लालके रुपमे रहल तराई मधेश राष्ट्रिय अभियान युवाके केन्द्र अध्यक्ष ललित मल्लिक सानु साथे बज्जिका वाणी साप्ताहीक साथे भेल समसमायी     बातचीतके कुछ हिस्सा ः–
ललीत जि अभि कि साव हो रहल  हए ?
                राजनितिक रुपसे दोसरका संविधान सभा प्रतिगमनकारी होई ई हमसव निर्वाचनसे पहिलेही आंकलन कएले रही जेकरा कारण हमरा सवके संगठन तराई मधेशी राष्ट्रिय अभियान निर्वाचनमे सहभागी नभेल और हमसव ठोस निर्णय कएले रही की मधेशी जनताके जायज मागँ संघियता, सुसासन, समान्ता, सम्मान औ न्यायके लेल संघर्ष एगो मात्र विकल्प रहल गेल हए । उ संघर्ष केलेल हमसव पुरा मधेश भर प्रशिक्षण और संगठन निमार्ण पर जोड देके एगो शसक्त और निर्णायक अधिकार मुखी संघर्षके तयारी कररहल छी । मधेशके अधिकारी हि हमनीके अभियान रहल ।
लोक्तान्त्रीक या प्रजातान्त्रीक पद्तिहए कि राजनितिक दल सवके निर्वाचनके द्वारा ही सम्पन्नता होईअ ?
देखु मधेशीके राजनितिके अवस्था बुहत भद्रगोल रहलासे निर्वाचन या अधिकार मागेसे पहिले अपने सहि निर्णय उ निर्णयमे सवके समान्न धारर्ण आवश्यक्ता रहल हए । आज सम्मान धारण नभेलासे मधेशीके राजनिति पिछा रहल हए । 
उहे उदेश्यसे कोनो भी हालतमे मधेशीके हितमे दोसरका संविधान सभा नहोसकेके आकलनसे मात्र संगठनके विस्तार करके एगो सक्षम कार्यकर्ता निमार्ण हेतु हमसव निर्वाचनमे नगेली आज पता चल गेल ही हए कि केतना कारगर हए मधेश और मधेशीके लेल । 
अपनेके अध्यक्ष जय प्रकास प्रसाद गुप्ता एगो भ्रष्टाचारी नेता भेलासे अपने छवि या अपन स्तीत्व बचावेला ई अभियान संचालन कएल आरोप रहल ?
दिनेश जी राज्य सदैव अपन विरोधी कहु या हितविपरित कार्य करेवाला हरेक व्यक्ति या संगठनके लान्छीत करके नेपालके इतिहास बहुती पुराना हए । जल्वन्त उदाहारण नेपालके प्रजातान्त्रीक नायक वि.पि कोइराला पर भी ओहन कओगो लान्छना लगावल गेल । 
भिमसेन थापासे लेके बाबुराम भट्टराई होइत जयप्रकास प्रसाद गुप्ता तक राज्यद्वारा कओनो न कओनो लान्छनासे कलंकित करइत आएल हए । लेकिन एकर ई मतलव नहए कि उ व्यक्ति संघर्ष ही छोडके चल जाई । और जेपि गुप्ता भी उ लान्छनाके अपन एगो संघर्षके चरन मानइत मधेशी जनताके विचमे छत और अपन संघर्षके अगाडी बढारहल छत ।  हुन्कर लान्छनाके सत्यता मधेशी जनता भली भाती बुझ रहल हए । तमरा अभियानके ११ महिने अवधिमे मधेशी जनताके अपार सहयोग मिल्ल जेसे ई संगठन मधेशीके शसक्त क्रान्तीकारी संगठनके रुपमे आएल हए । 
मधेशके मुद्दा एक भेलापर भी मधेशी राजनितिकदलसव फुटेके कारण कि होसकइत हए ?
देखु सांगठनीक संरचना त हए हि हए लेकिन संघर्षके क्रममे विश्वके इतिहास रहल हए कि संघर्षील संगठनमे अनवरत रुपमे फुटेके प्रक्रिया चलते आएल हए, आ भविषयमे भि एकरा  रोकेके कओनो सयन्त्र न बनल हए । रहल मधेशके सन्दर्भमे एकर छोट राजनितिक ईतिहास भेलासे मधेशीके संगठनीक अभ्यामके अभाव देखल गेल जेसे फुटेके प्रक्रिया अभितक जारी हए लेकिन जइसे जइसे संगठनीक अभ्यास और नेतृत्वके विकास होइत जाई ओइसही अपने आप निर्मूल होजाएवाला समस्या रहल हए । 
अपनेके पार्टीके मधेशके कएगो जिल्लामे संगठन विस्तार होचकल हए  ?
अभि त हमनीके पार्टी तराई मधेशी   राष्ट्रिय अभियान मधेशके १८ जिल्लामे जिल्ला कमिटि विस्तार होचुकल हए । बार्की और भी जिल्लामे विस्तार होएके क्रम जारी रहल हए । 
दोसरका संविधान सभाके मान्डेड रहल हए कि माघ ८ गेतके नेपाल नयाँ संविधान पावेवाला हए । अपनेके कईसन लागल हए, जारी हो सकइत हए की ? 
भगवान करे कि नेपाल नयाँ संविधान पाए, लेकिन हमरा न लागरहल हए कि माघ ८ गते जारी हो सकी, अगर जारी भी होइत मधेश और मधेशी जनताके हितके कदापी नहोसकी । और हमनी मधेश और मेधशीके अधिकार विनाके संविधान कदापी मानेके लेल तयार नछी । .
अभि तक अपनेके संगठन मधेशके या मधेशीके अधिकारके लेल कि की कर रहल हए ?
देखु हमसे मधेश और मधेशी के हरेक अधिकारके लेल डल  रहल छी । वितल चइतमे एस एल सी  परिक्षामे जनपुरके धवैली परिक्षा केन्द्रमे  राज्यद्वारा गोली चलाके ओदिनके समाजीक विषयके परिक्षा स्थगित   करावल गेल रहे । जेकर पुनः परिक्षा करावेला हम खुद उहाँ १३ दिन तक अनसनमे बइठके पुनः परिक्षा करएले रहली । एडिवि प्रोजेक्ट जनकपुरमे राखेके लेल धारण पर समेत बइठल   रहली ओइसही रौतहटके किसानके आन्दोलन प्रति पूर्ण सहयोग करइत आएल छी । अइसही मधेश और मधेशीके मुद्दाप्रति साथ देइत अपन संगठनके विस्तार कररहल छी ।  
रौतहटके किसान सवेके आन्दोलनमे ईहाँके राजनितिक दलसव लम्हर पइसाके खेलमे लागल सुनेमे आएल  हए ?
देखु रौतहटके ई किसानके आन्दोलन रौतहटके दु किसीमके वर्गके विचके द्वन्द्वके रुपमे चित्रीत होएलके समाजीक अवस्था हए । एगो रौतहटके करपोरेट समाज और दोसर रौतहटके आम समाज ओमे आम समाजके नेता आम समाजके ओर हए और करपोरेट समाजके नेता करपोरेट समाजके ओर हए । करपोरेट समाजके नेता पइसाके खेलमे लागल हए । अव जनताके मुल्यांकल करके समय हए हुनकर नेता कओन हए ।   
अन्तमे मधेशी जनतो कि कहेके चाहवई ?
हम बज्जिाका वाणी साप्ताहीके माध्यमसे मधेशी आम समुदायके लोगके ईहे कहव की मधेशी गुलामीसे निलकेके झोकमे रहल हए । एकवार झोक अपने भी लगाउ । 
ई पत्रिकाके कओनो सल्लाह सुझाव हए की ?
बास्तवमे हमनी रौतहट जिल्लावासीके गर्वके विषय रहल ई बज्जिका वाणी पत्रिकार जेसे हमनीके अपन मातृ भाषा पहिचना दिलारहल हए । ई पत्रिकाके निरंतरत दईत रहु, सदैव चलइत रहे इहे कामना करइ छी । धन्यावाद ! 

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