रौतहट, भादो । नेपाली किसानसव भारत पर आश्रीत भेल हए । रौतहटके किसानसव खेती करेला भारतीय रसायनिक खाद, विच्छन पर निभर हए । वरसाके शूरु भेल समयमे धान खेती करेला किसानसव भारतिय सिमा नजदिक रहल बैरगनिया, घोडासाह, चैनपुर, ढाका भारतिय बजारसे विच्छन लियाके खेती करेके बाध्य भेल हए । नेपालमे सहुलियत दरमे खेतीके लेल सरकार गुणस्तरीय विच्छन उपलव्ध करावे नसकलाके कारण स्थानिय बजारमे व्यापारीसव गुणस्तरहिन खाद लियाके महंगा भाओमे विक्री वितरण कररहल किसानसवके कहनाम रहल हए । समयमे खेती करेला नेपाली बजारमे अच्छा विच्छननेपाल एगो कृषी प्रधान भेलाके बाद भी इहा के किसान हरेके चिज से तवाह हे देखल जार रहल हए । देशके राजनितिक उथल पुथल से होए या देश के अस्थिरताके कारण होए, हर समय किसान ही मार मे रहल हए । पहिले के इतिहास से लेके अभि तक नेपाल सरकार कृषी प्रति कओनो ठोस निति नियम अपनावे न सकल हए । जव कि सारा नौटंकी कृषी पर हि चल रहल हए । हरेक मैसममे किसान तवाही रहल देखल गेल हए । धान मे महिना से लेके गहुके महिना तक किसान से पानी, कामदार आ मलखाद के कारण विशेष तवाहिमे खेल गेल हए । नेपाल देश भर के अपक्षे मधेश मे अधिक लोग कृषी पर हि अधारीत भेलासे इहा के किसानसव कुछजादा हि परेसान भोगेके ले बाध्य हए । एगो किसान कहन कि, देखु हमनी मधेशी भेला से ई राज्य से विभिन्न तरहसे समस्या उवजाके हमनी के पछाडी करेके कोशीस मे रहले । धान के महिन हमनीके धान रोपेके समय आवले त आकासे पानी के भर परेको परले । काहेकी नेपाल सरकार ओकरा अलावा कोइभि सिचाई व्यवस्था नमिल्लएले हए । जाव आकाशे पानी परित रोपाई सुरु होइ त कामदारके अभाव होजाले, जेकर सवसे प्रमुख ककारण रहल हए, धानके उचित मूल्य निर्धाण, हमनी किसान जथाभावी बजारु मोलमे आपन धान विक्री कएला पर कभि समयसे पैसा नमिलले, और मधेश के सव कामदार सव भारत के पंजाव हरियारन लगायत के जगहपर जाके पैसा कमाए चल जाले काहेकी उहाँके सरकार धान लगायत सव अनाज के उचित मोल समयमे तोक के साथ साथ पानी ,विउविजन, मालखाद लगायत हरे सिचाईके अच्छा व्यवस्था मिला देले हए जेकरा चल्ते उहाँ समय मे विक्री होगले आ समय मे सव काम सम्पन्न होएला से पंजाव हरियारन के साथे पुरा भारत आगे देल जाइत हए । हमनी के जेनातेना रोपाई कलेला परभी जव मलखाद देवेके समय आवले त नेपाल सरकार के ओर से खालि हाथ देखावेके सिवा कुच्छो न देखल जाले । अगर हमिनी साइकल से परोसि भारत के विहारके विभिन्न सहरसे २ (४ बोरा लियइलित सिमामे रहल भारती एस एसवी त छीनछोर मारपिट त करवे करले जेना तेला उँहासे नेपाल टपावल जाले ले फिर भी इहाँ नलाएक सरकारके पुलिस सव कभि छिन्न के भन्सार बुझावले त कभि पैसा मागँ के छोर देवले । देखल जाएत इहाँके किसान सव साप छुछुनर के जिवन जिरहल हए । नकिभी पुरती करी अपना से पुरती करेके कोशीस करम त विभिन्न बहानमे इहाँ प्रशासन दुख देवेके शूरुआत करले लगाी । इहाँ किसनके खुन से सरकार चल रहल हए । जे खुन कव खतम होइ जे ई प्राकृती के सुन्दर समाप्त होई । इ प्रकृया हमनी बहुत सोलो से भोगइत आरहल छी । ई काम हमनी से हरेक मैसममे भागे के मिल्ले । एक दम जाइजत बात हए कि कभि भि नेपाल सरकार मधेश के किसान सव के अपना देश के देश के नागरीक हि नसमझले हए । अगर समझले रहइत त आज २१ औ सताव्दीमे भि इहाँ के किसान सव मालखाल लगायत सिचाई केले दरदर न भटके के अवस्था रहइत ।
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