रौतहट, भादो ।
अनुसन्धा कर्ताओ सवके कहना हए कि जानलेवेवाला इबोला वायरसके उपचारके लेल प्रायोगिक दवाई जÞीमैपके बांनरपर सय प्रतिशत प्रभा पाएल गेल हए ।
“नेचर” पत्रिका में प्रकाशित ई अनुसन्धामे वैज्ञानिक इबोला वायरससे निपटके लेल इ ”एक बेहद अहम कÞदम” बतएले हए । खÞास बात त ई कहल गेल हए कि संक्रमीित होएके तिन चार दिन वाद भी ई दवाईके इबोला वायरस पर असरदार पायल गेल हए । अभी तकके स्थितिके मुताबिक जÞीमैपके बड पैमाना पर तयार न कएल जासकइत हए और इंसान पर एक कि असर होइत हए स्पष्ट न हए । इबोला वायरससे संक्रमित मरीजपर जब जÞीमैपके आजÞमायल जाई त सातमे दुगो मरीजÞ ई दवाईके बावजूद भी बच नसकल ।
सेनेगल भी पहुंचा इबोला
जÞीमैपके ”सीक्रेट सीरम” कहल जाई काहेकी ई अभि तक प्रायोगिक चरणमे हए । इहे विच सेनेगलमे अधिकारिसव देशमे इबोलाके पहले मामलाके पुष्टि कएले हए । एकरा साथही सेनेगल, पश्चिम अङ्खरीकाके पांचवा देश बन गेल हए जहां इबोला के संक्रमणँ भेल हए । एगो अनुमानके मुताबिक पश्चिम अङ्खरीकामे लगभग द्दण्,ण्ण्ण् लोग इबोला वायरसके चपेटामे हए । पश्चिम अङ्खरीकामे इबोला वायरसके वजहसे अब तक ज्ञछण्ण् से अधिक लोग मार जा चुकल हए ।
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