Sunday, June 28, 2015

बज्जिका भाषाक भाषीलोग “अपन भाषा आ संस्कृती संरक्षण आ अम्बद्र्धनमे ही गर्व करु”


गौर÷“अपन भाषा आ संस्कृती संरक्षण आ अम्बद्र्धनमे ही गर्व करु” कहईत नाराके साथ दु दिनहा अन्तरक्रिया एवं जनचेतनामुलक कार्यक्रम सम्पन्न भेल हए । ईतीहासमे पहिले बेर रौतहटके सदरमुकाम गौरमे ई ऐतिहासीक कार्यक्रम विभिन्न बज्जिाका भाषा प्रेमी बारा, सर्लाही आ रौतहट जिल्ला और भारत विहारके सितामढी जिल्लाके लोगसवके सहभागीतामे सम्पन्न भेल हए । अगाडि़के दिनमे बज्जिका भाषाके विकास आ संस्कृतीके सम्बद्र्धन केना होई उसव योजना तय करईत कार्यक्रम सम्पन्न भेल हए ।
बज्जिका भाषाके पूर्ण विकासके लेल रौतहट जिल्लामे अभितक चारको पत्रिका, एगो अनलाईन आ पाँचको रेडियो स्टेशन काम कररहल हए । जवकी लगभत सव पत्रिकामे बज्जिकाके स्थान देहल जारहल हए । नेपाल सरकारके अधिकारीक पत्रिकार गोरखापत्र दैनिकमे भि हरेक महिनाके १० आ २४ गते बज्जिाका भाषाके लेख रचना आदी प्रकाशित होइत आएल हए ।
नेपालमे सातवा भाषाके रुपमे रहल बज्जिका भाषाके विकासके लेल जिल्ला विकास समिति रौतहटके आर्थिक सहयोगमे ग्रामिण शिक्षा विकास नेपाल जेठरहिया नामक गैर सरकारी संस्था गौरमे रहल होटल सिया पैलेसमे उ कार्यक्रमके आयोजना कएले रहे । कार्यक्रमके उदघाटनके क्रममे जिल्ला विकास समिति रौतहटके निमित स्थानिय विकास अधिकारी एवम कार्यक्रमके प्रमुख अतिथि बज्जिका पुत्र गजेन्द्र राय यादव देशके कुल जनसंख्या ३ करोड भेल परिबेशमे बज्जिका भाषा बोलेवालाके भारत आ नेपालमे संख्या ४ करोड रहल बतवईत बज्जिका भाषाके संरुक्षण करेके जरुरी रहल बतएलन । यादव अपना भाषा आ संस्कृतिके संरक्षणके लेल सवआदमीके लागेके पर कहईत संस्था कएले कार्यक्रम प्रति धन्यवाद देईत आवेवाला दिनेसवमे भी भाषा आ संस्कृतिके संरक्षण एवम सम्बद्र्धनके लेल सकेजेतना सहयोग करेके प्रतिबद्धता कएले रहलन  ।
कार्यक्रमके विशिष्ट अतिथि बज्जिका पुत्र नेपाल शिक्षक युनियन रौतहटके अध्यक्ष योगेन्द्र यादव, नेपाल बज्जिका भाषा प्रतिष्ठानके अध्यक्ष शिवचन्द्र साह, बज्जिका प्रशिक्षक विपिन विहारी सिंह, नेपाल प्रहरीका प्रहरी निरिक्षक उदयभान द्धिवेदी, नेपाल बज्जिका शिक्षक प्रतिष्ठानका अध्यक्ष सफिन्द्र यादव, नेपाल पत्रकार महासंघ रौतहटके अध्यक्ष शैलेन्द्र गुप्ता, भारत विहारके दैनिक भाष्करके विश्वनाथ चौधरी लगायतके लोगसव बज्जिका भाषा आ संस्कृतिके ईतिहास बारे चर्चा करइर्त अपन मन्तव्य व्यक्त कएले रहलन ।

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